1993 मुंबई बम धमाके से जुड़े मामले में अवैध हथियार रखने के लिए संजय को पांच साल की सजा सुनाई गई थी। जिसके चलते वह 2013 मई से संजय दत्त पुणे के यरवदा जेल में पांच साल की सजा काट रहे थे।
25 Feb, 2016 10:50 AMमुंबई: 1993 मुंबई बम धमाके से जुड़े मामले में अवैध हथियार रखने के लिए संजय को पांच साल की सजा सुनाई गई थी। जिसके चलते वह 2013 मई से संजय दत्त पुणे के यरवदा जेल में पांच साल की सजा काट रहे थे।
बता दें कि संजय दत्त 60 महीने ही जेल में काट चुके थे जिसमें से 18 महीने उन्होंने पहले ही अंडरट्रायल जेल में बिताए थे। बाकी बचे 42 महीने की सजा कटाने के लिए 22 मई 2013 को संजय दत्त को यरवदा जेल में भेज दिया गया था।
कागज के लिफाफे बनाए
संजय दत्त को सजा काटने के दौरान कागज की थैलियां बनाने का काम दिया गया था. जेल से बाहर आने तक संजय दत्त ने 1500 थैलियां बना ली थीं। रोज सुबह पांच बजे उठने के बाद संजय दत्त को दूध और केला दिया जाता था। फिर साढ़े आठ बजे नाश्ता दिया जाता था जिसमें कभी पोहा तो कभी उपमा होता था। संजय दत्त को कागज की थैलियां बनाने का काम उनकी ही बैरक में सिखाया गया। एक थैली बनाने में संजय दत्त को पहले बहुत समय लगता था लेकिन बाद में संजू बाबा का हाथ इस काम में साफ हो गया था।
अच्छे स्वभाव की वजह से मिली जल्दी रिहाई
जेल नियमों के अनुसार, हर कैदी को उसके अच्छे बर्ताव के लिए हर महीने में 7 दिन की सजा माफ की जाती है। मई 2013 से अक्टूबर 2016 तक कर समय संजू बाबा को यरवदा जेल में बिताना था लेकिन जेल अधिकारियों के मुताबिक संजय दत्त की 256 दिन यानि आठ महीने की सजा काम हुई है और इसीलिए उन्हें आठ महीने पहले ही रिहा कर दिया गया।
संजू को सताती थी घर की याद
संजय दत्त जेल में बीमार रहने लगे थे और उन्हें घर और परिवार की याद सताती थी। संजय दत्त को इस बीच कई बीमारियों ने भी अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया था। सबसे ज्यादा उन्हें BP की तकलीफ का सामना करना पड़ा। संजय दत्त ने अपने कमरे में धार्मिक किताबें पढ़ना और योगा करना शुरू किया तो उनकी तबियत में सुधार होने लगा।
पैरोल पर हंगामा
जानकारी के अनुसार संजय जेल से पैरोल पर कई बार बाहर आए हैं। 2013 मई में 146 दिन, 2014 में जनवरी में 90 दिन, अक्टूबर में 14 दिन, दिसंबर में 14 दिन, 2015 में अगस्त 30 दिन के लिए पैरोल मिली। इन 34 महीनों में संजय दत्त को पैरोल पर कई बार छुट्टी भी मिली जिस पर कई तरह के बवाल का भी उन्हें सामना करना पड़ा।