वेब सीरीज 'पंचायत' के पहले दो जबरदस्त सीजन के बाद अब लोग 'पंचायत 3' को भी खूब पसंद कर रहे हैं। सीरीज की कहानी के साथ ही लोग रघुवीर यादव, नीना गुप्ता, जितेंद्र कुमार, फैजल मलिक और अशोक पाठक के किरदारों को भी खूब पसंद कर रहे हैं। वहीं, 'पंचायत 3' में नया किरदार जगमोहन की अम्मा उर्फ दमयंती देवी
17 Jun, 2024 12:25 PMबॉलीवुड तड़का टीम. वेब सीरीज 'पंचायत' के पहले दो जबरदस्त सीजन के बाद अब लोग 'पंचायत 3' को भी खूब पसंद कर रहे हैं। सीरीज की कहानी के साथ ही लोग रघुवीर यादव, नीना गुप्ता, जितेंद्र कुमार, फैजल मलिक और अशोक पाठक के किरदारों को भी खूब पसंद कर रहे हैं। वहीं, 'पंचायत 3' में नया किरदार जगमोहन की अम्मा उर्फ दमयंती देवी खूब चर्चा बटोर रही हैं। दंंमयंती देवी का किरदार निभाने वाली आभा शर्मा की खूब सराहना की जा रही है, लेकिन ये एक्टिंग का सफर उनके लिए इतना आसान नहीं था। हाल ही में उन्होंने अपने एक्टिंग के शौक को लेकर मीडिया से बातचीत की और बताया कि उन्हें कैसी मुश्किलों से गुजरना पड़ा।
पंचायत 3 की दमयंती देवी यानी आभा शर्मा ने बताया कि उन्हें एक्टिंग का शुरू से ही बहुत शौक था, लेकिन इस सपने को हकीकत में बदलने का मौका उन्हें 54 साल की उम्र में मिला।
मीडिया से बातचीत में आभा ने बताया कि वो अपने परिवार में सबसे छोटी थीं। उनकी बड़ी बहन का परिवार दिल्ली में और बड़े भाई का परिवार हैदराबाद में है। मगर अब उनके भाई-बहन का निधन हो चुका है। अपने पिता के निधन के बाद आभा ने एक टेलेकॉम कंपनी में नौकरी की और वो अपनी मां का ध्यान रखने के लिए घर पर ही रहीं। इसीलिए उन्होंने शादी भी नहीं की। हमेशा से आर्टिस्ट बनने का ख्वाब देखने वालीं आभा ने जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट्स से डिप्लोमा किया और 1979 से टीचर की नौकरी करने लगीं।
आभा ने कहा, 'मैं बचपन से एक्टर बनना चाहती थी, लेकिन मेरी मां ने फिल्म इंडस्ट्री में जाने की इजाजत नहीं दी। उन्हें ये काम नहीं पसंद था और मैं उनकी मर्जी के खिलाफ नहीं जाना चाहती थी। हालांकि, मेरा परिवार अच्छा पढ़ा लिखा था, मगर वो थोड़े ऑर्थोडॉक्स थे। मेरी मां के निधन के बाद, मैंने दोबारा एक्टिंग शुरू की और मेरे भाई-बहनों ने मदद की।'
आभा ने बताया कि 35 की उम्र में उन्हें मसूड़ों का एक इन्फेक्शन हुआ, जिसके कारण उनके सारे दांत गिर गए। 45 की उम्र में उन्हें एक रेयर समस्या हो गई, जिससे उनके हाथ-पैर कांपने शुरू हो गए, लेकिन इसके बावजूद आभा ने नौकरी करना जारी रखा। 1991 में उन्होंने एक्टिंग छोड़ी और 2008 में, लखनऊ में थिएटर करना शुरू किया। मगर वो बहुत ज्यादा नाटकों में हिस्सा नहीं ले पाती थीं।
आभा ने बताया कि 2009 में उन्हें एक टीवी ऐड के ऑडिशन का पता चला और उनके पहले ही ऑडिशन ने उन्हें मुंबई पहुंचा दिया। उन्होंने कहा कि वो सोच रही थीं मुंबई जा तो रही हूं पर डायरेक्टर बोलेगा कि इससे काम नहीं हो पाएगा।'
आभा अपने पहले ऐड के लिए बहुत नर्वस थीं और सेट देखकर घबरा गई थीं। उन्होंने बताया, 'मेरे साथ जो आदमी बैठा था वो भी ऐड का हिस्सा था, उसने कहा- 'मैं बहुत नया हूं। प्लीज मेरे साथ कोऑपरेट कीजिएगा।' मैंने कहा कि मैं तुमसे भी ज्यादा नई हूं, तुम भी मेरे साथ कोऑपरेट करना।'
आभा ने बताया कि जब डायरेक्टर ने शूट के बाद उनसे कहा 'मां जी आप बहुत अच्छा कर रही हैं।' तो उनके सारे डर दूर हो गए। जल्दी ही उन्हें दो बायोपिक, अर्जुन कपूर और परिणीति चोपड़ा की बायोपिक 'इशकजादे' और सुधीर मिश्रा की एक फिल्म में काम मिल गया।
2010 में आई फिल्म 'पीपली लाइव' में एक रोल के लिए आभा को बुलाया गया था। 'पंचायत' एक्टर रघुबीर यादव से उनकी पहली मुलाकात यहीं पर हुई थी, लेकिन अचानक तबीयत बिगड़ने से वो काम नहीं कर पाईं और ये रोल किसी और को दे दिया गया। उन्होंने बताया कि कोविड के बाद उनके साथ थिएटर कर चुके अनुराग शुक्ला शिवा ने उन्हें 'पंचायत' के लिए एक ऑडिशन वीडियो शूट करने को कहा। ऐसे ही 'वेब सीरीज' का मतलब ना समझने वालीं आभा को मशहूर वेब सीरीज 'पंचायत' में रोल मिल गया।