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हैरेसमेंट का सबूत मांगने वालों पर भड़कीं नेशनल अवॉर्ड विनिंग Sheela, कहा- अचानक जब कोई हमला करता है, तो फोटो या वीडियो लेना संभव नहीं होता

Updated 03 September, 2024 05:34:30 PM

मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में 'मी टू' मूवमेंट की नई लहर ने सभी को चौंका दिया है। इस मूवमेंट के तहत इंडस्ट्री के कई बड़े नामों पर सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप लगाए गए हैं। महिलाएं अपने साथ हुए उत्पीड़न और असॉल्ट की कहानियां साझा कर रही हैं, और आरोपियों की कानूनी और सार्वजनिक आलोचना हो रही है।

 मुंबई: मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में 'मी टू' मूवमेंट की नई लहर ने सभी को चौंका दिया है। इस मूवमेंट के तहत इंडस्ट्री के कई बड़े नामों पर सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप लगाए गए हैं। महिलाएं अपने साथ हुए उत्पीड़न और असॉल्ट की कहानियां साझा कर रही हैं, और आरोपियों की कानूनी और सार्वजनिक आलोचना हो रही है।

Bollywood Tadka

इस दौरान मलयालम सिनेमा में कलाकारों के हित के लिए बने संगठनों जैसे एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (AMMA) और फिल्म एम्प्लॉयीज फेडरेशन ऑफ केरल (FEFKA) की भी आलोचना हो रही है। इस बीच, इंडस्ट्री की सीनियर एक्ट्रेस शीला ने महिलाओं के समर्थन में बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सिनेमा में काम करने के लिए महिलाओं को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि उन्हें खुद कभी हैरेसमेंट का सामना नहीं करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कई महिलाओं के भयानक अनुभव सुने हैं।

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 एक्ट्रेस शीला ने कहा कि पहले ऐसे मुद्दों पर खुलकर बात करने का अवसर नहीं था। उन्होंने आलोचना की कि आरोपों पर सबूत की मांग करने वालों को यह समझना चाहिए कि इन परिस्थितियों में सबूत जुटाना मुश्किल होता है। उनका कहना है कि जब कोई अचानक हमला करता है, तो फोटो या वीडियो लेना संभव नहीं होता। उन्होंने मलयालम इंडस्ट्री की महिलाओं के लिए बने 'वुमन इन सिनेमा कलेक्टिव' (WCC) की भी सराहना की, जो महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए काम कर रहा है।

Content Editor: Shivani Soni

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