मशहूर शायर फहमी बदायूंनी अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनका 20 अक्टूबर, बीते रविवार को निधन हो गया। फहमी 72 साल के थे और काफी समय से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। फहमी के निधन से उनके चाहने वालों बड़ा झटका लगा है और वे सोशल मीडिया के जरिए दिवंगत को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
21 Oct, 2024 10:01 AMबॉलीवुड तड़का टीम. मशहूर शायर फहमी बदायूंनी अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनका 20 अक्टूबर, बीते रविवार को निधन हो गया। फहमी 72 साल के थे और काफी समय से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। फहमी के निधन से उनके चाहने वालों बड़ा झटका लगा है और वे सोशल मीडिया के जरिए दिवंगत को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
शायर फहमी बदायूंनी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने एक्स पर दुख जताते हुए लिखा, 'अलविदा फहमी बदायूंनी साहब, आपका जाना उर्दू अदब का बड़ा नुकसान है।'
अब 21 अक्टूबर, सोमवार को फहमी बदायूंनी का अंतिम संस्कार किया जाएगा। यूपी के बदायूं में जन्मे फहमी साहब साहित्य जगत में अपनी गहरी बातें और दिल को छू लेने वाली शेरो शायरी से लोगों का दिल जीत लेते थे।
फहमी बदायूंनी की शायरी युवा और बुजुर्ग दोनों पीढ़ियों को बहुत पसंद है। इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर भी उनकी शायरी वायरल हो रहती है।
उनकी लेखनी ने उर्दू साहित्य को नया मोड़ दिया है। फहमी साहब अपने पीछे दो बेटे जावेद और नावेद और अपनी पत्नी को छोड़ गए हैं।
शायर फहमी बदायूंनी की शायरी में से 'कोई दुनिया में चेहरा देखता है कोई चेहरे में दुनिया देखता है', 'तुमने नाराज होना छोड़ दिया... इतनी नाराजगी भी ठीक नहीं', 'पूछ लेते वो बस मिजाज मेरा... कितना आसान था इलाज मेरा', 'घर के मलबे से घर बना ही नहीं... जलजले का असर गया ही नहीं' और 'हमारा हाल तुम भी पूछते हो... तुम्हें मालूम होना चाहिए' जैसी शायरी काफी फेमस हैं।