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अल्‍फा मेल फिल्में बीमार बढ़ाती हैं पुरुषों की फैंटेसी..नसीरुद्दीन शाह ने फिल्‍म इंडस्‍ट्री को फटकारा-'महिलाओं को तुच्छ दिखाना समाज के लिए खतरा'

Updated 01 February, 2025 10:16:42 AM

ग्गज एक्टर  नसीरुद्दीन शाह अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं।  नसीरुद्दीन शाह राजनीतिक से लेकर हर सामाजिक और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े मुद्दों पर खुलकर बोलते हैं। कई बार तो अपनी इसी बेझिझक राय के कारण वह मुश्किल में भी फंस चुके हैं। अब उन्होंने मेल डॉमिनेंसी वाली फिल्मों की आलोचना की है।  नसीरुद्दीन श

मुंबई: दिग्गज एक्टर  नसीरुद्दीन शाह अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं।  नसीरुद्दीन शाह राजनीतिक से लेकर हर सामाजिक और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े मुद्दों पर खुलकर बोलते हैं। कई बार तो अपनी इसी बेझिझक राय के कारण वह मुश्किल में भी फंस चुके हैं। अब उन्होंने मेल डॉमिनेंसी वाली फिल्मों की आलोचना की है।  नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की की खराब स्थिति के बारे में बात करने के साथ ही 'मर्दानगी का जश्न मनाने वाली' और 'महिलाओं को तुच्छ दिखाने वाली फिल्मों पर निराशा जाहिर की।

Bollywood Tadka

केरल लिटरेचर फेस्टिवल में बातचीत के दौरान मलयालम एक्ट्रेस पार्वती तिरुवोतु ने उनसे मेनस्ट्रीम फिल्मों में दिखाए जाने वाले मैस्कुलैनिटी पर सवाल किया था। इस सवाल को जवाब देते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा-' ऐसी फिल्में बीमार हैं और इनकी सफलता असल में उस समाज की स्थिति को दिखाता है जिसमें हम रह रहे हैं।'

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नसीरुद्दीन शाह ने कहा-'आने वाली पीढ़ियां जब पीछे मुड़कर जानना चाहेंगी कि 2025 का सिनेमा कैसा था और अगर ऐसी बॉलीवुड फिल्में देख लीं तो यह एक बड़ी त्रासदी होगी। एक्टर ने यह भी कबूल किया कि उन्होंने खुद कुछ फिल्में सिर्फ बिल भरने के लिए कीं, और आज उन्हीं फिल्मों को करने का उन्हें सबसे ज्यादा पछतावा होता है।'

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नसीरुद्दीन शाह ने कहा- 'मैंने भी कुछ फिल्में की हैं जो सिर्फ पैसों के लिए थीं। यह सच्चाई है। मुझे नहीं लगता कि किसी को पैसे के लिए काम करने में शर्म आनी चाहिए। मेरा मतलब है कि हम सब क्या करते हैं? लेकिन ये वो काम हैं (वो फिल्में), जिनका मुझे पछतावा होता है। सौभाग्य से, लोग आपके द्वारा किए गए बुरे काम को याद नहीं रखते। एक एक्टर के रूप में, वो केवल आपके द्वारा किए गए अच्छे कामों को याद रखते हैं।'

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नसीरुद्दीन शाह ने फिर मेल डॉमिनेंस वाली फिल्मों के हिट होने पर बात करते हुए कहा- 'वह उन फिल्मों को स्वीकार नहीं करते, जो मर्दानगी का जश्न मनाती हैं और महिलाओं को नीचा दिखाती हैं, उनका अपमान करती हैं। उन्होंने ऐसी फिल्मों को 'बीमार' फिल्में बताया और कहा कि उनकी सफलता हमारे समाज के बारे में कुछ कहती हैं।'

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नसीरुद्दीन शाह बोले, 'ऐसी फिल्में उन पुरुषों की फैंटेसी को बढ़ावा देती हैं जो दिल ही दिल में महिलाओं को तुच्छ समझते हैं। यही लोगों में फीड किया जा रहा है।और यह देखना वास्तव में डरावना है कि आम जनता से ऐसी फिल्मों को स्वीकृति मिल रही है। यह बहुत डरावना है और यह हमारे देश में कई जगहों पर महिलाओं संग होने वाली खौफनाक चीजों को दिखाता है।'

बता दें कि साल 2023 में रणबीर कपूर की फिल्म 'एनिमल' रिलीज हुई थी जो बॉक्स ऑफिस पर काफी सफल रही।  इस फिल्म में दिखाए गए मेल डॉमिनेंस को काफी क्रिटिसाइज किया गया था। इस फिल्म को संदीप वांग रेड्डी ने बनाया था। फिल्म 'कबीर सिंह' भी संदीप की फिल्म थी जिसे मेल डॉमिनेंस के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था।


 

Content Writer: Smita Sharma

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