श्वेता तिवारी ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि अपने करियर के शुरुआती दिनों में उन्होंने बैक टू बैक शूटिंग की वजह से अपनी आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचाया। उन्होंने बताया कि लंबे समय तक लेंस पहनकर शूटिंग करने से उनकी आंखों के ब्लड वैसील्स फट गए थे और खून बहने लगा था, लेकिन अब उनकी आंखों का इलाज हो चुक
30 Nov, 2024 04:19 PMबाॅलीवुड तड़का : श्वेता तिवारी ने साझा किया कि कैसे अपने करियर के शुरुआती दिनों में उनकी आंखों की हालत खराब हो गई थी। श्वेता तिवारी, जो टीवी और फिल्म इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम बन चुकी हैं, हाल ही में फिल्म सिंघम अगेन में नजर आईं और भोजपुरी फिल्मों के साथ ओटीटी पर भी खूब पहचान बनाई है। लेकिन, इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए उन्होंने बहुत मेहनत की है। एक्ट्रेस ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि उन्हें अपनी आंखों की हालत सुधारने के लिए काफी मुश्किलें झेलनी पड़ी थीं, और यह सब उस दौरान हुआ जब वह लगातार बैक-टू-बैक शूटिंग कर रही थीं।
अंधेपन की कगार पर पहुंच गई थीं श्वेता तिवारी
श्वेता ने बताया कि एक समय ऐसा आया था जब उनकी आंखों की हालत इतनी खराब हो गई थी कि वह लगभग अंधी हो गई थीं। उन्होंने बताया कि वह लेसिक सर्जरी कराने के बाद बहुत बुरा अनुभव झेल रही थीं क्योंकि उनकी आंखों में इन्फेक्शन हो गया था। श्वेता ने बताया, "मैं उस समय -10 की पावर वाले लेंस पहनती थी, और मुझे इतने ज्यादा शूटिंग शेड्यूल पूरे करने थे कि मैंने बिना रुके काम किया। सुबह 5 बजे से लेकर रात 10 बजे तक 'कसौटी' और 'नच बलिए' के शूट के बाद भोजपुरी फिल्म की शूटिंग करती थी, और यही वजह थी कि मेरी आंखों के ब्लड वैसल्स फट गए थे।"
आंखों से खून बहने लगा था
श्वेता ने आगे बताया कि इस खतरनाक शेड्यूल के कारण उनकी आंखों से खून बहने लगा था, और यह तक लगता था कि आंसू की जगह खून बह रहा है। वह कहती हैं, "इस दौरान 'नच बलिए' में तो मेरी हालत और भी खराब हो गई थी, मैं लगभग आंधी हो गई थी। फिर मैंने लेसिक करवाया और धीरे-धीरे मेरी आंखों की हालत ठीक हुई। अब मैं बिना चश्मे के देख पाती हूं, लेकिन अब उम्र बढ़ने के कारण चश्मा वापस आ रहा है।"
श्वेता ने की खुद की तुलना की आज के एक्टर्स से
अपने इस कठिन दौर को याद करते हुए श्वेता तिवारी ने आज के नए कलाकारों से अपनी तुलना की और कहा, "मुझे उस समय पर गर्व है क्योंकि मैंने इतनी मेहनत की। जब मैं काम कर रही थी, तो मुझे यह नहीं पता था कि कब पैकअप होगा, और मुझे बस काम करना था। आजकल के कलाकारों को काम मिलने पर शिकायत होती है कि काम ज्यादा क्यों है, या कब पैकअप होगा। उन्हें लगता है कि स्टारडम दिखाना ज़रूरी है। लेकिन मुझे उस समय में काम करने पर गर्व है, जब मुश्किलें झेलते हुए भी काम से पीछे नहीं हटती थी।"